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10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) का गठन और संवर्धन: किसानों के लिए एक नई पहल

भारत सरकार ने वर्ष 2020 में “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के गठन और संवर्धन” के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र योजना (CSS) की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य किसानों को एकजुट करके उनकी आय में वृद्धि करना और कृषि में सुधार लाना है। इस योजना के तहत, 10,000 नए FPOs के गठन और संवर्धन के लिए ₹6865 करोड़ का कुल बजटीय प्रावधान किया गया है।

### FPOs क्या हैं?

किसान उत्पादक संगठन (FPOs) किसानों के समूह होते हैं जो एक साथ मिलकर अपनी कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देते हैं और बाजार में अपनी उपज को बेहतर कीमतों पर बेचते हैं। FPOs किसानों को न केवल सामूहिक खेती के माध्यम से लागत में कमी लाने में मदद करते हैं, बल्कि बाजार में उनकी स्थिति को भी मजबूत बनाते हैं।

### योजना का कार्यान्वयन

FPOs के गठन और संवर्धन का कार्यान्वयन विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (IAs) के माध्यम से किया जाता है। ये एजेंसियाँ क्लस्टर आधारित व्यापार संगठनों (CBBOs) को संलग्न करती हैं, जो FPOs के गठन और उन्हें पेशेवर मार्गदर्शन प्रदान करने का कार्य करती हैं। CBBOs इन FPOs को 5 वर्षों तक निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं, ताकि वे स्थिर और सफल हो सकें।

### योजना का महत्व

इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को एकजुट करना और उन्हें एक संगठित और समर्थ बनाना है। FPOs के माध्यम से किसान अपने उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं, लागत में कमी ला सकते हैं और अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेच सकते हैं। इसके अलावा, यह योजना किसानों को कृषि व्यवसाय में नई संभावनाओं की ओर भी अग्रसर करती है, जिससे वे अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।

### योजना का प्रभाव

10,000 नए FPOs के गठन और संवर्धन के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें कृषि क्षेत्र में मजबूत बनाना है। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को संगठित किया जाएगा और उन्हें वित्तीय, तकनीकी, और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे बेहतर कृषि उत्पादन और आय प्राप्त कर सकें।

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